करके के देखो सुख मिलता है।
भूखी प्यासी गौ माता को भोजन करा कर आत्म सुख मिला - बादल चौहान
नमस्कार दोस्तो आज मैं बादल चौहान जिला रायगढ़ का निवासी हूँ,आज मैं घर के बाहर बैठा हुआ था,प्रतिदिन की भांति मुझे 11 बजे सुबह बाजार से सब्जी लाने जाना होता था।
आज जब में जैसे ही अपने घर से बाजार जाने के लिये निकला मैं अभी घर से महज 30 कदम दूर ही चला था कि मैंने देखा एक गाय सुस्त होकर बैठी हुई है,मैंने उसे बुलाया पर उसकी आत्मीय इच्छा थी कि मेरे पास आने की थी पर आ नही पा रही थी।
मैंने समझने में देर नही किया,तुरन्त अपने कदम पीछे मोड कर घर से थाली में भोजन लिया और एक बाल्टी पानी और पुनः उस ओर चला गया, मैंने गौ माता को पहले भोजन कराया फिर उन्हें पानी पिलाया,दोस्तो आपको यह दिखवा लगता होगा पर मुझे इस कार्य से आत्म सुख प्राप्त हुआ ।
आज मैं इस कार्य को कर यह पोस्ट लिखकर आप सभी से आग्रह करता हूँ कि हम भगवान पर आश्रित है तो भगवान ने हमे सदैव सुख के मार्ग के लिये अच्छे कर्म करने को कहते है।
जब से मैं श्री प्रशान्त कुमार सोनवानी जी से मिला और उनके द्वारा निर्मित संस्था YGSEM में जुड़ा तब से मुझे आत्म ज्ञान प्राप्त करने की विचार धाराए समाज प्राकृतिक से मेरा लगाव बढ़ गया इसपर मैं उन महानुभाव का धन्यवाद व्यक्त करतर हुए सुंदर विचार को जन जन तक समाज सेवा के गुणों का वादा करता हूँ।
धन्यवाद -आपका अपना - बादल चौहान
नमस्कार दोस्तो आज मैं बादल चौहान जिला रायगढ़ का निवासी हूँ,आज मैं घर के बाहर बैठा हुआ था,प्रतिदिन की भांति मुझे 11 बजे सुबह बाजार से सब्जी लाने जाना होता था।
आज जब में जैसे ही अपने घर से बाजार जाने के लिये निकला मैं अभी घर से महज 30 कदम दूर ही चला था कि मैंने देखा एक गाय सुस्त होकर बैठी हुई है,मैंने उसे बुलाया पर उसकी आत्मीय इच्छा थी कि मेरे पास आने की थी पर आ नही पा रही थी।
मैंने समझने में देर नही किया,तुरन्त अपने कदम पीछे मोड कर घर से थाली में भोजन लिया और एक बाल्टी पानी और पुनः उस ओर चला गया, मैंने गौ माता को पहले भोजन कराया फिर उन्हें पानी पिलाया,दोस्तो आपको यह दिखवा लगता होगा पर मुझे इस कार्य से आत्म सुख प्राप्त हुआ ।
आज मैं इस कार्य को कर यह पोस्ट लिखकर आप सभी से आग्रह करता हूँ कि हम भगवान पर आश्रित है तो भगवान ने हमे सदैव सुख के मार्ग के लिये अच्छे कर्म करने को कहते है।
जब से मैं श्री प्रशान्त कुमार सोनवानी जी से मिला और उनके द्वारा निर्मित संस्था YGSEM में जुड़ा तब से मुझे आत्म ज्ञान प्राप्त करने की विचार धाराए समाज प्राकृतिक से मेरा लगाव बढ़ गया इसपर मैं उन महानुभाव का धन्यवाद व्यक्त करतर हुए सुंदर विचार को जन जन तक समाज सेवा के गुणों का वादा करता हूँ।
धन्यवाद -आपका अपना - बादल चौहान
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