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Showing posts from June, 2019

झमाझम वर्षा के साथ पधारे गांडा समुदाय के कुलगुरु चित्ररथ गन्धर्व जी

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*झमाझम वर्षा के साथ जिला धमतरी में पधारे शिरोमणि गुरु चित्ररथ गन्धर्व महाराज* छत्तीसगढ़ राज्य के जिला धमतरी में युवा गांडा समाज एकता मंच के तत्वाधान में धमतरी जिले से महज तीन किलोमीटर की दूरी में स्तिथ ग्राम शंकरदाह में गांडा समुदाय के गुरुदेव शिरोमणि चित्ररथ गन्धर्व जी की मूर्ति स्थापना समाजिक भवन में किया गया। मूर्ति स्थापना कार्यक्रम के प्रथम चरण में कुम्हारपारा से युवाओ बुजुर्गो द्वारा बजा बजाते हुए भव्य आयोजन के साथ शंकरदाह पहुंचे,भीषण वर्षा के बीच चित्ररथ गन्धर्व जी के आगमन से नगर में हर्ष का मौहाल बना रहा। मूर्ति स्थापित कर युवाओ बुजर्गो द्वारा फूल माला अर्पित कर,जलपान चढ़ाते हुए महाआरती मंगलगीत गाया गया। महाआरती उपरांत समाज के युवा अध्यक्ष धमतरी सुमित देवदास जी द्वारा समाजिक गतिविधियों पर विचारमंच रखा गया जिसमें उन्होंने शिरोमणि चित्ररथ गन्धर्व जी की महिमा को बताया गया। इस कार्यक्रम में युवा गांडा समाज एकता मंच के प्रदेश संस्थापक प्रशान्त कुमार सोनवानी जी,अनिल चौहान ,जिला अध्यक्ष सुमित देवदास,जिला सचिव चन्द्रशेखर बघेल,जिला उपाध्यक्ष महेंद्र बघेल जी,मोहन बघेल, मनोज ...

गांडा समुदाय 74 गौत्र और उनके अनुरूप सरनेम

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मुख्य मेनू खोलें गांडा समुदाय औऱ उनके गौत्र नाम 01) महानदिया :---( महानंद, नंदे, नंद, नंदी, सरित, सरिता, राजकमल)  02) सागर:-- ( भारतसागर, भारसागर, भवसागर, भरासागर, शिवसागर, क्षीरसागर)  03) कोहार:-- ( कुम्हार, कुम्भकार, कोहार, कोहर, कोमहार, कोहारा)  04) सोनवा:--( सोनवानी, सोनी, सोना, सोनकर, सुनार, सोनार)  05) टंड़िया:-- ( टांडिया, तांडिया, टाण्डवा, तांण्डवा, तांण्डव, तडि़या, टाण्डे, टांण्डी, ताण्डे, तांण्डी, टांण्डव, टूडू)  06) छूरा:-- ( छूरिया, तलवार, अस्तूर, अस्तुरे, अस्तुरी, नायक )  07) लोहा:-- ( लोखण्डे, लोहाण्डी, लोहार, लाखड़, लाख, विश्वकर्मा )  08) दीप:-- ( द्वीप, दिया, जयदीप, कुलदीप, दिहाई, दियासलाई, दीपक,)  09) बाघ:-- ( बघेल, बाघा, बाघे, बाघमार, बाघमा, बाघम्मा, बघवा, बाघबा )  10) बेसरा:-- बेसन, बैश, बैसना, बेशरम, बेशान्त, बिसरु, बिसरा, बैसर, बिसाव)  11) शेरवा:-- ( सिँग, सिँघ, सारुवा, शेरुवा, सरोवा, सरवा, सर्वा ,सर्राव,)  12) बिँझवा :-- ( बिँझवार, बिँझिया, बिँधिया, बिँदिया, बिँझा...

गांडा समुदाय की रौचक जानकारियां आओ विचार करे प्रश्न के उत्तर

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               (आइए आज विचार रखे) प्रश्न :- गांडा समुदाय के पारंपरिक  कुलदेव - देवी(इष्टदेव) कौन कौन है? उत्तर:- गांडा समुदाय के पारंपरिक कुलदेव - बूढ़ादेव,दूल्हादेव,चुल्हादेव,सूरजदेव,काली माता(बूढ़ी माँ)है बुुुढ़ादेव - गांडा समुदाय से बूढ़ादेव का सम्बंध बड़ा ही रौचक है बूढ़ादेव आदिकाल के प्रथम पुरुष थे,जिन्होंने अपने कुल को प्राकृतिक के धरती,जल,पशु,पक्षी अनुकूल नाम दिया,जैसे - नदी से महानन्दिया,सोना - सोनवानी,बाघ ,लोहा,गरुड़,इत्यादि हमारे प्रत्येक गौत्र प्राकृतिक से ही जुड़े हुए है,जिसकी उतपत्ति बूढ़ादेव जी ने ही किया,प्रथम पुरुष होने के नाते उनका नाम बूढ़ादेव पड़ा,जो आज हमारे समाज मे ईश्वर रूप में पूजे जाते है। काली(बूढ़ी माँ) हमारे समाज की प्रथम महिला प्राकृतिक उपासक थी जो आज हमारे समाज की कुलदेवी के रूप में मानी जाती है। दूल्हादेव :-  गांडा समुदाय में दूल्हादेव पूजनीय है दूल्हादेव नाम से ही प्रतीत होता है सजा हुआ युवा,जब वर्णव्यवस्था जीवित थी तब लोग हमें द्रेश भाव से देखते थे,विवाह संस्कारो में हमारे प्रथम पूजनीय बुढ़ादेव जी की स...

गांडा समुदाय में सरनेम समाज को बढ़ावा देने वालो के लिये विशेष

(उन गांडा समुदाय के लोगो के लिए विशेष जो सरनेम,क्षेत्रवाद को बढ़ावा देते है) किसी गधे को सिंह की खाल मिल गई। उसने सोचा- ‘अगर मैं इस खाल को ओढ़ लूं तो मजा आ जाएगा। जंगल के सभी जानवर मुझे सिंह समझकर डर जाएंगे।’ कि बस, फिर क्या था। गधे ने सिंह की खाल ओढ़ ली और लगा जंगल में दौड़ने। जंगल के जानवर डरकर इधर-उधर भागने लगे। वे इस नए फुर्तीले सिंह से बेहद डर गए थे। भागने वाले जानवरों में चालाक लोमड़ी भी थी। उसे भी असलियत का पता नहीं था। चालाक और धूर्त लोमड़ी भी गधे को नहीं पहचान सकी। यह देखकर गधा प्रसन्न हो गया। उसका मन अहंकार से भर गया। अपनी प्रसन्नता दिखाने के लिए वह लगा जोर-जोर से रेंकने। सिंह को गधे की तरह रेंकता देखकर लोमड़ी आश्चर्यचकित रह गई। वह गधे के पास आई। गधा लोमड़ी को देखकर कहने लगा- ”क्या तुम मुझसे डरती नहीं हो?“ ”जब तुम्हें पहली बार देखा तो मैं डर गई थी।“ लोमड़ी बोली- ”मगर जैसे ही तुम्हारी आवाज सुनी, मैं समझ गई कि तुम गधे हो।“ शिक्षा –  वस्त्र नहीं स्वभाव को बदलो। इसी प्रकार जाति नाम  को नही स्वभाव को बदलो।।

मिशन 27 की शुरुवात ग्राम बिजना विकासखण्ड पुसौर से सैकड़ो सक्रिय सदस्य के आये आगे

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मिशन 27 ग्राम बिजना विकासखण्ड पुसौर में YGSEM के मिशन 27 सक्रिय सदस्यता अभियान की शुरुवात रायगढ़ अंचल के विकासखण्ड पुसौर ग्राम बिजना में YGSEM की मिशनों को संचालित किया गया । कार्यक्रम की शुरुवात में समाज के इष्टदेव बूढ़ादेव एवं भीमराव अंबेडकर जी की पूजा आराधना समाज की वरिष्ठ महिला द्वारा गया।इसके पश्चात कार्यक्रम के उद्देश्य को लेकर पहुँचे शहड़ोल अंचल में कार्यरत समाजिक सेवक श्री प्रशान्त कुमार सोनवानी जी मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे उनका श्री समय लाल चौहान जी ने भब्य पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम की मुख्य उद्देश्य श्री प्रशान्त कुमार सोनवानी जी द्वारा समाज के विकास में लक्षित मिशन 27 एवं सबो पढबो समाज ल गढ़बो मिशन को धरातल में कार्य हो,उसके लिये सक्रिय सदस्य्ता हेतु विशेष चर्चा करते हुए कहा कि जो समाज आज शिक्षित है वही अपने विकास की गतियों को प्राप्त कर रहा है। अशिक्षा से आपको छुवाछुत जैसी भवना ही नजर आएगी,समाज का विकास करना है तो हम सबको पढ़ना,पढ़ाना आवश्यक है।मिशन 27 में उन्होंने विकासखण्ड में सक्रिय सदस्यों को YGSEM के कार्यो से भलीभूति प्रदाय किया। ...